Aarti

सन्तोषी माता आरती

जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ।अपने सेवक जन की,सुख सम्पति दाता ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ सुन्दर चीर सुनहरी,मां धारण कीन्हो ।हीरा पन्ना दमके,तन श्रृंगार लीन्हो ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ गेरू लाल छटा छबि,बदन कमल सोहे ।मंद हंसत करुणामयी,त्रिभुवन जन मोहे ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी […]

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श्री शनि देव: आरती

आरती कीजै नरसिंह कुंवर की ।वेद विमल यश गाउँ मेरे प्रभुजी ॥ पहली आरती प्रह्लाद उबारे ।हिरणाकुश नख उदर विदारे ॥ दुसरी आरती वामन सेवा ।बल के द्वारे पधारे हरि देवा ॥ तीसरी आरती ब्रह्म पधारे ।सहसबाहु के भुजा उखारे ॥ चौथी आरती असुर संहारे ।भक्त विभीषण लंक पधारे ॥ पाँचवीं आरती कंस पछारे ।गोपी

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हनुमान आरती (Hanuman Aarti)

॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥ ॥ आरती ॥आरती कीजै हनुमान लला की ।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जाके बल से गिरवर काँपे ।रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥अंजनि पुत्र महा बलदाई ।संतन के प्रभु सदा सहाई ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥ दे वीरा

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शिव आरती – ॐ जय शिव ओंकारा (Shiv Aarti – Om Jai Shiv Omkara)

ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा ॥ॐ जय शिव ओंकारा…॥ एकानन चतुराननपंचानन राजे ।हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे ॥ॐ जय शिव ओंकारा…॥ दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे ।त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे ॥ॐ जय शिव ओंकारा…॥ अक्षमाला वनमाला,मुण्डमाला धारी ।चंदन मृगमद सोहै,भाले शशिधारी ॥ॐ जय शिव ओंकारा…॥ श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे ।सनकादिक गरुणादिकभूतादिक

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